रफ्तार


गिरते हैं सहसवार ही मैदान-ए-जंग में,
वो क्या खाक़ गिरेंगे जो घुटनों के बल चलें।






Comments

Popular posts from this blog

इक रंग सफेद

पेट पूजा की तैयारी, ...किसान के खेत से हुई जमकर चोरी